माँ, बहन, सखी, पत्नी चलाती संसार सारा। माँ, बहन, सखी, पत्नी चलाती संसार सारा।
इतिहास गवाह है विवाद के मामले बेदम हुए हैं। इतिहास गवाह है विवाद के मामले बेदम हुए हैं।
रौशनी की चाह रौशनी की चाह
ब हानि लाभ को छोड़कर निर्मल चित का नित ध्यान बनता। ब हानि लाभ को छोड़कर निर्मल चित का नित ध्यान बनता।
भौतिकता चकाचौंध भागम भाग जीवन में जीवन मूल्यों का ह्रास। भौतिकता चकाचौंध भागम भाग जीवन में जीवन मूल्यों का ह्रास।
माँ रचती है जीव को सदा लुटाती नेह, ऋण चुका ना पाएंगे देकर अपनी देह। माँ रचती है जीव को सदा लुटाती नेह, ऋण चुका ना पाएंगे देकर अपनी देह।